Rajniti me apna bhashan kaise de
Rajniti me apna bhashan kaise de : दोस्तो आपको बोलने का शौक तो सभी रखते है। लेकिन अच्छा बोलना एक कला है। वैसे तो सभी लोगो को बोलने का शौक़ है। लेकिन हम अकेले बोलने की बात नहीं कर रहे है एक भरे मंच पर बोलने की बात कर रहे है ।मतलब आपने कभी भरे मंच पर भाषण दिया है शायद दिया तो नहीं होगा लेकिन सुना जरूर होगा। चुनावी रैलियों में , 15 अगस्त और 26 जनवरी को स्कूलों में और कई अन्य मंचों पर भाषण सुना होगा । अगर आप भी एक अच्छा भाषण देना चाहते है तो आप कैसे शुरुआत करेंगे , भाषण कितना बड़ा होगा , किस मुद्दे पर कितना बोलना है अपना शानदार भाषण ऐसे दें सामने बैठी जनता तालियां बजाती रहे। जब भी किसी बड़े मंच पर हम पहली बार हजारों की संख्या में बैठी जनता के सामने माईक पर बोलने जाते है तो समझ नहीं आता कि शुरुआत कहां से करें , भाषण का अंत करना तो दूर की बात है इसमें घबराने जैसी कोई बात नहीं है आज आपको इस आर्टिकल में ये बताएंगे की आप राजनीति में अपना भाषण कैसे दें। उससे पहले आइए आपको बताते है कि आप अपने भाषण की शुरुआत कैसे करें।
apne bhashan ki shuruat kaise kare
जब भी आपको कोई मंच पर भाषण देने के लिए आमंत्रित करे तो आप घबराए नहीं आराम से उठे और माइक के सामने चले जाए आपको क्या बोलना है उससे पहले आप मंच पर बैठ छोटे बड़े अतिथि लोगों का सम्मान करें साथ ही सामने बैठी जनता का भी सम्मान करें । आप भाषण कहां दे रहे है उसी हिसाब से सभी के सम्मान पर बोलें । आपको सबसे पहले बोलना है मंच पर आए अतिथि गण का सम्मान करता है फिर जीतने लोग बैठे है उनका नाम जानते है तो शुरुआती भाषण में लें, इसके बाद सामने कौन बैठा है जनता या स्कूली बच्चे उनके सम्मान में दो बातें कहें । फिर आप गहरी सांस लेते हुए मुद्दे पर आइए , जो आपको भाषण देना है उसे बोलना शुरू कीजिए । कोशिश करें तो सही बात , उचित बात और फैक्ट से जुड़ी हुई बात बोलें , साथ ही अपना आई कॉन्टैक्ट सामने बैठी जनता पर बनाए रखें।
performance ki delivery par dhyan den
अगर आप नहीं समझ पाए तो समझ देते है स्पीच में हम सिर्फ अपने शब्दो पर ध्यान देते है ना कि परफॉर्मेंस पर ,जबकि परफॉर्मेंस पर अपने डायलॉग, शब्द और अपने इमोशन पर भी ध्यान रखना होता है अपनी भावनाओं की डिलीवरी हो जो पूरे इमोशन के साथ हो । उससे सुनने वाला भी इमोशन हो जाएगा और आपको सुनता जाएगा । उसका ध्यान सिर्फ आपकी कही बातों पर होगा । अगर आप भाषण देने जाए तो सिर्फ शब्दो पर ध्यान मत दीजिए इमोशन और परफॉर्मेंस को साथ लेकर चलिए । इससे आपके और जनता के बीच अच्छा कॉन्टैक्ट होगा।
lecture aur body standing par focus kare
जब भी आप स्पीच दे रहे हों तो कोशिश करिए कि लेक्चर स्टैंड से अलग होकर भाषण दें उस स्टैंड पर टिककर , हाथ रखकर उस पर शरीर का वजन रखकर मत खड़े रहिए । इससे आप सुस्त लगने लगते है । रही बात बॉडी लैंग्वेज की तो जाए तो हमेशा सीधे खड़े रहीए आपका कंधा टाइट और तना रहना चाहिए बहुत ज्यादा जगह से मूवमेंट मत करिए। कोशिश करें कि एक या दो कदम आगे पीछे जाएं बहुत ज्यादा हिलने कि कोशिश मत करिए इससे सुन रही जनता पर बुरा असर पड़ता है । इसलिए आपकी बॉडी लैंग्वेज ऐसी हो जो जनता को प्रभावित कर सकें ।
bhashan me story jyada sunaye
बहुत लोगों को देखा है की जब भी वह भाषण देते है तो सिर्फ इन्फोर्मेशन देते है इससे लोग बोरियत महसूस करने लगते है इसलिए कोशिश करें की स्पीच के बीच बीच में आप स्टोरी सुनाए । सफलता की स्टोरी, किसी घटना कि स्टोरी , पॉजिटिव स्टोरी सुनाए इससे जनता आपको लगन से सुनेगी । जब आप स्टोरी सुनाते है तो ऑडियंस अपने दिमाग में उस स्टोरी का चित्र बनाती है उसे विजुलाइज करती है इन्फोर्मेशन से ज्यादा आप स्टोरी सुनाए । तभी ऑडियंस और आपका तालमेल अच्छा बनेगा।
apki varbal communication aur tone achhi ho
भाषण देते समय कई लोग उत्तेजित हो जाते है तो तेज बोलने लगते है कई ऐसे लोग भी होते है जो भाषण देते समय भावुक हो जाते है तो धीमे बोलने लगते है ठीक है यह सभी चीजे अपनी जगह है लेकिन जब आप मंच पर हजारों या लाखों की संख्या में बैठे लोगो को संबोधित करते है तो सामान्य आवाज पर भाषण देना चाहिए । टोन आपकी बैलेंस होनी चाहिए , बहुत तेज भी नहीं और बहुत धीमी भी नहीं । इससे आपके और सुनने वाली जनता के बीच कम्युनिकेशन अच्छा होगा। तालमेल अच्छा बनेगा । इसी में दूसरी बात यह है स्पीड को लेकर , आपको बता दें कि फास्ट स्पीड से कहीं बेहतर होता है स्लो स्पीड , इससे जनता का ध्यान सिर्फ आपकी आवाज पर ही टिक जाएगा । बहुत ज्यादा भी स्लो होने से जनता से आपका तालमेल बिगड़ सकता है । उनके समझ के लिए । ऐसे में बहुत स्लो स्पीड से दिक्कत यह होती है कि आगे के ऑडियंस को समझ आ जाता है लेकिन पीछे बैठी जनता सिर्फ आपको देखती है आपकी आवाज नहीं सुनती । और तेज बोलने की आदत है तो उसे रोज प्रैक्टिस के साथ बैलेंस बनाइए । अगर फिर भी बात नहीं बन रही तो आप बीच बीच में पोज दीजिए । बहुत ज्यादा नहीं सिर्फ 3 सेकेंड का । आप देखेंगे की जनता आपसे अच्छी तरह कनेक्ट होने लगेगी। तीसरी बात यह है कि आपकी भाषा सरल होनी चाहिए , आम बोलचाल में भाषण देने को कोशिश करिए। बहुत कठिन शब्दो का प्रयोग करेंगे तो जनता को शब्द समझ नहीं आयेंगे। इसलिए सामान्य बोलचाल वाली भाषा पर ही भाषण दीजिए । इसमें एक फर्क यह है कि देखिए जनता किस टाइप की बैठी है जनता शिक्षित है तो आप अंग्रेजी के शब्द बीच मे प्रयोग कर सकते है लेकिन ज्यादा नहीं। अगर सुनने वाली जनता ज्यादा शिक्षित नहीं है तो आप अंग्रेजी के शब्दो से दूरी बनाए। भाषण का मतलब होता है आप जो बोल रहे हो उसमे मोरल ऑफ स्टोरी छिपी हो , जनता के पास कुछ पॉजिटिव बात पहुंचे । शब्द ठीक हो , तभी आपकी और जनता के बीच सामंजस्य दिखेगा ।
apne pasand ka topic chune
जब भी आप भाषण दें तो कोशिश करिए कि अपनी पसंद का टॉपिक चुनिए इससे क्या होगा कि आपके अंदर एक अलग सी एनर्जी उत्पन्न हो जाएगी । और वो एनर्जी ट्रांसफर होती है सामने बैठी ऑडियंस मे , तब ऑडियंस को भी लगता है कि जिस विषय पर ये बोल रहे है इनकी पकड़ अच्छी है काफी रिसर्च किया है । पहले से आपको तय करना होगा की आप भाषण लिख रहे है या बोलना चाहते है तो उसमे ऐसा टॉपिक हो जो आपका पसंदीदा हो जिसमे आपका पैशन हो। इंटरेस्ट हो ऐसा टॉपिक जो आपको बोलने पर बोरियत महसूस न कराएं। भाषण शुरू करते ही एनर्जी आ जाए , जब ऐसे टॉपिक पर भाषण देंगे तो आपको अच्छा महसूस होगा साथ जनता भी अलग एनर्जी के साथ आपको सुनेगी । दिए जा रहे भाषण पर आपके आंकड़े सटीक होने चाहिए । जगह का नाम , पता या अन्य चीज में गलती की गुंजाइश न हो क्योंकि ऑडियंस के बीच ऐसे कई लोग होते है जिन्हे शायद उसके बारे मे पता होता है जिसकी आप चर्चा कर रहे होते है। अगर पसंदीदा टॉपिक पर भी गलत चीज बोलेंगे तो इफेक्ट गलत जाएगा। सबसे पहले खुद का मोरल डाउन होगा। इसलिए जितनी भी बात रखें सही और सच्ची बात करें । दोस्तों हमने जितनी भी टिप्स आपको बताएं है वो सभी अगर आप फॉलो करते है तो यकीन मानिए आपका भाषण सबसे अलग और हटकर होगा ।