Rajasthan ka Jaisalmer kila : एक दौर था जब भारत में लगभग 565 रियासतें हुआ करती थी। और इन रियासतों में बड़े बड़े राजा महाराजा अपनी हनक से अपने जिले को अपनी मुट्ठी में बंद किए रहते थे। मतलब राजाओं की हुकूमत चलती थी। इनकी हुकूमत और इनके योद्धा होने के किस्से आज भी सुने जाते है। लेकिन इन्हीं राजाओं के किले के किस्से आज भी मशहूर है। जहां ये रहते थे। भारत का एक राज्य है राजस्थान , और इसी राजस्थान में एक शहर है जैसलमेर जहां एक किला अपनी कलाकृति के लिए सिर्फ प्रसिद्ध नही है। बल्कि एक खास वजह से यह किला आबाद है। जिसकी चर्चा हम आगे करेंगे।
किले पुराने समय में राजसी ठाठ, समृद्धि और राजा महाराजा का निवास हुआ करते थे। हालाकि आजादी के बाद सरकार ने सारे किले खाली करवा लिए। लेकिन जैसलमेर के सोनार किले जिसको जैसलमेर फोर्ट के नाम से जाना जाता है।इसे सरकार ने आम आदमी को रहने के लिए दे दिया। इसलिए इस किले में आज भी 5 हजार लोग रहते है। यही वजह है कि यह किला दुनिया का इकलौता जीवित और आबाद किला कहा जाता है। अगर आप राजस्थान घूमने गए है। तो जैसलमेर जरूर जाएं और बिना देखें इस किले को वापस मत आइए। यह शहर काफी ठहरा हुआ शहर है। फिर भी यहां हर साल लाखों पर्यटक आते है।
Kyon khas hai Jaisalmer ka ye kila
जैसलमेर राजस्थान के सबसे सुंदर और भव्य शहरों में से एक है। जो अपने ऐतिहासिक गौरव और विरासत के लिए जाना जाता है। थार रेगिस्तान के बीच स्थित इस शहर का ये किला पर्यटकों को खास लुभाता है। अगर आप भी राजस्थान की यात्रा पर है। तो शाही जैसलमेर किला देखना ना भूलें। आपको यह जानना चाहिए कि ये किला क्यों खास है। साथ ही इस किले की संस्कृति और समृद्धि के बारे में भी जानना चाहिए। आपको बता दें कि जैसलमेर किले को जैसलमेर की शान के रूप में माना जाता है। और यह किला शहर के केंद्र में स्थित है। इसकी खासियत यह है कि यह पीले बलुआ पत्थर का किला सूर्यास्त के समय बिलकुल सोने की तरह चमकता है। भाटी राजपूत शासक जैसल द्वारा त्रिकुरा पहाड़ी के शीर्ष पर निर्मित किए इस किले में कई खूबसूरत हवेलियां या मकान मंदिर और सैनिकों था व्यायापारियों के आवासीय परिसर है। जिसकी बनावट आज भी रास जी समृद्धि की याद दिलाती है। यह किला एक 30 फुट ऊंची दीवार से घिरा हुआ है। यह एक विशाल 99 पुर्जों वाला किला है। जिसके भीतर 1300 और 1700 ईस्वी के बीच निर्मित कुल साथ जैन मंदिर भी है। यहां आपको 6 हजार से अधिक नक्काशीदार मूर्तियां मिलेंगी। इसके अलावा महाराजा का महल काफी खूबसूरत है।
Yahan aam logo ka basera kyun hai
इस किले की सबसे बड़ी और खास बात यह है कि यह किला जो कभी राजा महाराजाओ की शान ओ शौकत का प्रतीक हुआ करता था। उसमें अब वहां के स्थानीय लोगो का घर और बाजार बन चुका है। पीले बलुआ पत्थर की इस सरंचना को 1156 में राजपूत शासक राजा जैसल ने बनवाया था। किले के परिसर में कई कुएं भी है। जो यहां के निवासियों के लिए पानी निकालने का नियमित स्त्रोत है। यहां आप देखेंगे कि लोगों के जीवन की बिलकुल वैसी ही बसावट है जैसे कि सामान्य तौर पर हमारे गांव और शहरों में होती है। इसलिए इसका नाम दुनिया के जीवित किले के रूप में शुमार है। यह किला इतना बड़ा है कि आप एक छोर से दूसरे छोर घूम सकते हो। दूसरी तरह चलता फिरता रोजमर्रा का बाजार भी लगता है। इस किले में अखाई पोल, सूरज पोल, और गणेश पोल जैसे कई द्वार है। सभी द्वारों में अखाई पोल जिसे किले का प्रथम द्वार भी कहते है। यह अपनी शानदार शैली के लिए प्रसिद्ध है। इस प्रवेश द्वार को वर्ष 1156 में बनाया गया था। और शाही परिवारों और विशेष आंगतुको द्वारा यही प्रवेश द्वार उपयोग किया जाता था। आपको बता दें कि यूनेस्को ने साल 2013 में इस किले को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था।
Kya hai es kile ka itihaas
आपको हम पहले ही बता चुके हैं कि इस किले का निर्माण 1156 ईस्वी में राजा जैसल ने करवाया था। इस किले में 13 वीं शताब्दी में दिल्ली सल्तनत के खिलजी वंश के दूसरे शासक अलाउद्दीन खिलजी ने हमला किया था। और नौ साल तक इस किले में अपना आधिपत्य जमाए रखा। राजपूत महिलाओं ने इस किले का कब्जा होने के बाद जौहर भी किया था। इसके बाद 1541 में इस किले पर दूसरा हमला मुगल सम्राट हुमायूं ने किया था। इसके बाद मुगल से संबंध सुधारने के लिए राजा रावल ने अकबर की पुत्री से विवाह किया। 1762 तक इस किले पर मुगलों ने कब्जा किया। जिसके बाद महारावल मूलराज का राज रहा। 1820 में महारावल की मृत्यु हो गई। जिसके बाद यहां का शासन उनके पोते गज सिंह के हाथों में रहा।
Kaise pahunche jaiselmer kila
आप इस किले की यात्रा नवंबर से मार्च तक के बीच कर सकते है। क्यों यह घूमने का काफी अच्छा समय होता है। यह वही समय होता है। जब जैसलमेर पर्यटन अपने चरम पर होता है। जहां तक बात है पहुंचने के लिए तो आपको पहले राजस्थान जाना होगा। फिर आपको जैसलमेर लोकल बस या ट्रेन से जाना होगा। आप कैब भी कर सकते है। फिर आप इस किले तक पहुंच सकते है। आप भारत के किसी भी राज्य में क्यों ना रहते हों । आप जैसलमेर हवाई मार्ग, बस और खुद के निजी वाहन से भी पहुंच सकते हैं।
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