Indian President Election Process in Hindi: भारत में राष्ट्रपति का चुनाव कैसे होता है। जानिए पूरी प्रक्रिया
Indian President Election Process in Hindi : भारत के राष्ट्रपति को देश का सर्वोच्च और प्रथम नागरिक माना जाता है। मौजूदा समय में भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू है। जिन्हे पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की जगह मिली है। पिछले साल यानी 18 जुलाई 2022 को भारत में राष्ट्रपति के चुनाव हुए थे। जहां द्रौपदी मुर्मू ने यशवंत सिन्हा को हराकर चुनाव जीती थी। जैसे राष्ट्रपति देश का प्रथम नागरिक होता है। उसी प्रकार उपराष्ट्रपति देश का दूसरा नागरिक , प्रधानमंत्री देश का तीसरा नागरिक और राज्यपाल को देश का चौथा नागरिक माना गया है। पांचवें नंबर पर पूर्व उप राष्ट्रपति और उप प्रधानमंत्री आते हैं। तो वहीं छठे नंबर पर मुख्य न्यायाधीश और लोकसभा अध्यक्ष होते है। कोई भी आम नागरिक देश का 27 वां नागरिक होता है। बहुत कम लोग ऐसे है। जिन्हे भारत के राष्ट्रपति का नाम तो पता होता है लेकिन उन्हे यह बिल्कुल भी पता नही होता कि आखिर राष्ट्रपति का चुनाव कैसे होता है। और इसकी प्रक्रिया प्रधानमंत्री के चुनाव से मिलती जुलती है। या फिर बिलकुल अलग होती है। आज हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे कि आखिर भारत के राष्ट्रपति का चुनाव कैसे किया जाता। और इसमें कौन लोग मतदान करते है। और क्या आम आदमी राष्ट्रपति का चुनाव लड़ सकता है।
Kaise hota hai Rashtrapati ka chunav
राष्ट्रपति का चुनाव अप्रत्यक्ष निर्वाचन द्वारा होता है। मतलब इसमें आम नागरिक मतदान नहीं कर सकता है। इसके लिए जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधि यानी सांसद, विधायक ही मतदान कर सकते है। और आसान भाषा में समझिए तो राष्ट्रपति का चुनाव इलेक्ट्रोरल कॉलेज करता है। इसे ही अप्रत्यक्ष निर्वाचन कहते हैं। जैसा कि हमने बताया कि राष्ट्रपति चुनाव में वोट देने का अधिकार सिर्फ विधायक और सांसद को होता है। साथ ही संसद में नामित सदस्य और विधान परिषद के सदस्य वोट नही डाल सकते क्योंकि जनता इन्हें नहीं चुनती।
Kya hoti hai prakriya
- भारत के राष्ट्रपति पद की दौड़ में हिस्सा लेने वाले प्रत्येक कैंडिडेट को अपना नामांकन दाखिल करना होता है। राष्ट्रपति चुनाव लडने वाले व्यक्ति को इसके लिए 15 हजार से अधिक रुपए जमा करने होते है। साथ 50 प्रस्तावको और 50 हस्ताक्षर की हुई सूची भी जमा करनी होती है। प्रस्तावक और समर्थक राष्ट्रपति चुनाव में मतदान करने योग्य निर्वाचकों में से कोई भी हो सकता है।
- यहां यह समझना जरूरी होता है। कि राष्ट्रपति चुनाव में वोट देने योग्य व्यक्ति केवल एक ही उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव या समर्थन कर सकता है। चुनाव आयोग द्वारा 1952,1957,1962,और 1969 के चुनावों के बाद 1974 में मतदाताओं के प्रस्तावित करने और एक व्यक्ति की उम्मीदवारी का प्रस्ताव देने का यह नियम अपनाया था।
- राष्ट्रपति चुनाव में सभी निर्वाचित सदस्य अपने अपने राज्य वा केंद्र शासित प्रदेश में हैं तो वहीं सभी निर्वाचित सदस्य संसद की दोनो सदनों यानी लोकसभा और राज्यसभा में वोट कर सकते है। वोट डालने के लिए निर्वाचित सांसदों और विधायकों को मतपत्र दिए जाते हैं। सांसदो को हरे रंग का और विधायकों को गुलाबी रंग का मतपत्र दिया जाता है। साथ ही एक विशेष पेन दिया जाता है। जिसका इस्तेमाल वो अपने वोट रिकॉर्ड के लिए करते है।
- प्रत्येक मतपत्र में उन सभी उम्मीदवारों के नाम होते है। जो राष्ट्रपति चुनाव लड़ें होते है। मतदान करने वाला सदस्य प्रत्येक उम्मीदवार के लिए अपनी वरीयता को इंगित करता है। जिसे वो राष्ट्रपति बनाना चाहता है । उनके लिए नंबर 1 चुनता है। जबकि दूसरे के लिए 2 और इसी तरह आगे की प्रक्रिया करता है।
- वोटिंग के बाद विधायको के मतपत्र को राज्यवार इकठ्ठा कर प्रत्येक उम्मीदवार की ट्रे में डाल दिया जाता है।। उदाहरण के लिए यदि उत्तर प्रदेश के विधायक ने द्रौपदी मुर्मू को अपनी पहली वरीयता के रूप में चिन्हित किया है तो विधायक का मतपत्र द्रौपदी मुर्मू की ट्रे में गया होगा।
Kaise hoti hai voto ki ginti
वोट डालने वाले विधायक और सांसद के वोट को अलग अलग किया जाता है। दो राज्यों के वोटों का वेटेज अलग से होता है। विधायक के मामले में उस विधायक की आबादी देखी जाती है। साथ उस प्रदेश के विधानसभा सदस्यो की संख्या भी देखी जाती है। वोटेज निकालने के लिए प्रदेश की आबादी को चुने हुए विधायकों की संख्या में बांटा जाता है। फिर उसे एक हज़ार से भाग दिया जाता है। इसके बाद जो आंकड़ा आता है वही उस राज्य के वोट का वोटेज होता है।
Kaise Tay hota hai Rashtrapati post ka vijeta
राष्ट्रपति चुनाव का विजेता वो नहीं होता जिसे सबसे अधिक मत प्राप्त हुए हो। बल्कि वो होता है जिसे एक निश्चित कोटे से अधिक मत मिले हो। प्रत्येक उम्मीदवार के लिए डाले गए वोट को जोड़कर योग को 2 से विभाजित करके और भागफल में एक जोड़कर कोटा तय किया जाता है। जो उम्मीद्वार तय कोटे से अधिक वोट प्राप्त करता है। वही विजेता होता है। यदि किसी को कोटे से अधिक वोट नहीं मिलते तो सबसे कम वोट वाले उम्मीदवार को रेस से हटा दिया जाता है। और हटाए गए उम्मीदवार के मतपत्र को उन मतपत्रों दूसरी वरीयता पसंद के आधार पर शेष उम्मीदवारों के बीच वितरित किए जाते हैं। इसके बाद सभी उम्मीदवारों के मतों की गिनती फिर दोहराई जाती है। यह प्रक्रिया ऐसे ही एक दो चरण जारी रहती है। जब तक किसी का वोट कोटा से अधिक नहीं पहुंच जाता। और लगातार निष्कासन के एक जब एक उम्मीदवार आखिर में बचता है तो वही भारत का राष्ट्रपति होता है।
Kya honi chahiye yogyata
- कैंडिडेट भारत का नागरिक होना चाहिए।
- आयु 35 वर्ष या इससे अधिक होनी चाहिए।
- लोकसभा का सदस्य बनने योग्य होना चाहिए।
- भारत सरकार या किसी राज्य सरकार के अधीन या किसी स्थानीय या अन्य प्राधिकरण के अधीन किसी भी उक्त सरकार के नियंत्रण के अधीन लाभ का कोई पद धारण ना किया हो। हालाकि उम्मीदवार किसी भी राज्य के राष्ट्रपति या उप राष्ट्रपति या राज्यपाल या संघ है तो चुनाव लडने के लिए पात्र होगा।
Rashtrapati ko uski post se kaise hataya ja sakta hai
राष्ट्रपति को उसके पद से सिर्फ महाभियोग प्रक्रिया के जरिए हटाया जा सकता है। इसके लिए राज्यसभा और लोकसभा के सदस्य को 14 दिन का नोटिस देना होता है। इसमें कम से कम एक चौथाई सदस्यों के हस्ताक्षर होने जरूरी है। फिर सदन विचार करता है। अगर दो तिहाई सदस्य इसे मान लें तो जांच के बाद राष्ट्रपति को पद से हटा हुआ माना जाएगा।