Bakri Palan Kaise karen: गांव में बकरी पालन कैसे करें
Bakri Palan Kaise karen : हमने देखा है कि ग्रामीण क्षेत्रों में लोग ज्यादा पढ़े लिखे तो नही होते लेकिन उनके अंदर पैसे कमाने की कला एक शहरी बिजनेसमैन से कहीं ज्यादा होती है। वो अपने गांव में कई ऐसे बिजनेस खोल लेते है। जिससे उन्हें अच्छी कमाई तो होती ही है। साथ में उन्हे परदेस कमाने जाना नहीं पड़ता। इसी कड़ी में एक बिजनेस ऐसा है। जिसे गांव के लोग खूब चला रहे है। वो बिजनेस है बकरी पालन। आज के समय के ग्रामीण क्षेत्रों में बकरी पालन व्यवसाय खूब तेजी से बढ़ रहा है। इस बकरी पालन व्यवसाय को पढ़े लिखे और बिना पढ़े लिखे लोग भी कर रहे है। खुद को आत्मनिर्भर बनाने की राह में ग्रामीण क्षेत्रों में युवा कदम बढ़ा रहे है। इस बिजनेस को शुरू करने के लिए आपको बहुत ज्यादा परेशानी उठाने की जरूरत नहीं है। आप इसे कम लागत में भी शुरू कर सकते है। और महीने के अंत में अच्छा खासा मुनुफा भी कमा सकते है। आज हम आपको अपने इस आर्टिकल में इसी बकरी पालन से जुड़ी पूरी जानकारी देंगे। कि आखिर आप इस बिजनेस को कैसे और कब शुरू कर सकते है।
Bakri palan business kya hai
बकरी पालन व्यवसाय एक ऐसा व्यवसाय है। जिसमें हमें बड़ी संख्या में छोटी छोटी बकरियों को पालना होता है। उनके रहने , खाने पीने और साफ सफाई का ध्यान रखना होता है। बीमार पड़ने पर चिकित्सा भी उपलब्ध करवानी पड़ती है। साथ ही बकरियों के प्रजनन को लेकर भी काम करना पड़ता है। जब बकरियां बड़ी हो जाती है तो आप इन्हे बाजार में बेच सकते है। या फिर इनका दूध निकालकर आप दूध का बिजनेस भी शुरू कर सकते है।
Kaun kar sakta hai bakri palan business
बकरी पालन एक ऐसा बिजनेस है। जिसे ग्रामीण और शहरी दोनो क्षेत्रों में किया जा सकता है। अगर कोई व्यक्ति शहरी क्षेत्रों में बकरी पालन शुरू करता है तो उसे काफी मुश्किल होती है। जैसे बकरी के रख रखाव का स्थान , उनके भोजन की व्यवस्था और अधिक लागत आदि। अगर आपके पास शहर में जगह है तो आप इस बिजनेस को शुरू कर सकते है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में तो इस बिजनेस को करने में कोई भी समस्या नही आती। क्योंकि गांव में अधिक जगह मिल जाती है। भूसा के साथ हरा चारा मिल जाता है। और अगर किसी के पास बकरी नही हैं तो वो किसी से उधार ले सकता है। या फिर सस्ते दामों में खरीद सकता है। और फिर आराम से बकरी पालन व्यवसाय शुरू कर सकता है।
Bakri palan me kitna kharch aata hai
अगर आप बकरी पालन व्यवसाय करने जा रहे है। तो आपको उसमें लगने वाली लागत के बारे में सोच लेना चाहिए। हालाकि आप बकरी पालन छोटे स्तर पर भी शुरू कर सकते है। जिसमें कम लागत खर्च होती है। आप शुरू में 2 से 4 बकरी के साथ ये बिजनेस शुरू कर सकते है। फिर धीरे धीरे इनकी संख्या को बढ़ा सकते है। अगर आप शुरू में 5 बकरी के साथ बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो एक बकरी की कीमत 5 हजार होती है ऐसे में 5 बकरी की कीमत 25000 हुई। आपको बता दें कि ज्यादातर देश की राज्य सरकारें बकरी पालन व्यवसाय की योजना चलाती है। आप अगर वहां से रजिस्ट्रेशन कर बकरी बिजनेस शुरू करते है। तो आपको 60% सब्सिडी मिलेगी।
Bakriyon ki nasal ka chunav kaise kren
बकरी पालन शुरू करने से पहले एक चीज का खास ध्यान देना जरूरी है। कि आपको बजट और जलवायु का खास ध्यान रखना होगा। किस मौसम में आप शुरू कर रहें है।आपको हम कुछ नस्ल के बारे में बता रहें है।
Changthani, ya laddakh pashmeena nasal ki bakri
इस नस्ल की बकरियां अधिकांश कश्मीर में पाई जाती है। ये बकरियां ज्यादातर खानाबदोश समुदाय के द्वारा पाली जाती है। इस नस्ल की बकरियों से पश्मीना शॉल बनाएं जाते हैं। जो कश्मीर की प्रसिद्धि शॉल मानी जाती है। जो पूरा भारत के साथ विदेशों में भी प्रसिद्ध है। इसलिए इस नस्ल की बकरियों का पालन कश्मीर के लगभग हर दूसरे घर में होता है।
Chigu nasal ki bakri
चीगू नस्ल की बकरी अधिकांश उत्तर प्रदेश के उत्तर और भारत के हिमाचल प्रदेश के उत्तर पूर्व में इस तरह की बकरी पाली जाती है। चीगू नस्ल की बकरियों के लिए ये मौसम काफी फायदेमंद होता है। चीगू बकरी का वजन लगभग 40 किलो होता है। वहीं मादा बकरी का वजन 25 किलो होता है। इसलिए उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश के लोग चीगू बकरी का व्यवसाय अधिक करते है।
Malabari nasal ki bakri
दक्षिण भारत के केरल राज्य में मालाबारी नस्ल की बकरियां खूब पाली जाती है। जिनका उपयोग ज्यादातर दूध और मांस के लिए होता है। इन बकरियों का वजन लगभग 68 किलोग्राम होता है। जबकि बकरों का वजन 41 किलोग्राम होता है। इनकी खासियत यह होती है कि इनके कान और पैर छोटे छोटे होते है।
Surati nasal ki bakri
समूचे भारत में घरेलू बकरियों को सुरती नस्ल की बकरी कहते हैं। और ये ज्यादातर लोगों द्वारा पाली जाती है। इन बकरियों को मुख्य रूप से दूध उत्पादन के लिए पाला जाता है।
Sirohi nasal ki bakri
इस नस्ल की बकरियों की खासतौर पर मांस उत्पादन के लिए पाला जाता है। आपको बता दें कि ये सिर्फ आधा लीटर से 750 ग्राम ही दूध देती है। सिरोही नस्ल की बकरी गर्म मौसम को आसानी से झेल सकती है। ये 18 से 20 महीने के अंदर ही बच्चे पैदा करना शुरू कर देती है। और एक वर्ष में दो बार बच्चे को जन्म देती है। ये बकरियां राजस्थान के सिरोही जिले में ज्यादा पाई जाती है। साथ ही साउदी अरब और दुबई में भी इसी नस्ल की बकरियां होती है।